सोयाबीन की फसल में पत्तों का पीला होना और निवारण

सोयाबीन की फसल में पत्तों का पीला होना और निवारण


यह एक बीज जनित रोग है खराब गुणवत्ता वाले बीज के कारण यह रोग सोयाबीन की फसल में बहुत ज्यादा देखा गया है फूल आने के बाद पत्तेदार फफूंद नाशक के छिड़काव से भी इस संक्रमण में काबू किया जा सकता है ऐसे में आगे ध्यान रखें कि इस तरह के बीच को अच्छी तरह अच्छे फंगीसाइड से उपचारित कर ही बुवाई करें




इस वर्ष सोयाबीन की फसल में पत्तों का पीला होना व पत्तों का सुख के गिरना बहुत देखा जा रहा है जिससे सभी किसान भाई बहुत परेशान है वह इसके लिए कई उपाय कारगर साबित नहीं हो रहे हैं ऐसे में मंदसौर के कृषि वैज्ञानिकों ने इसके लिए कुछ उपाय बताएं हैं जिससे बहुत से किसानों को लाभ पहुंचा है यह पास में लगे सोयाबीन के खेतों में भी यह रोग अधिक देखा जा रहा है जिससे काफी नुकसान हो रहा है वह समय पर बारिश ना होने की वजह से भी किसानों का नुकसान पड़ रहा है यह रोग पौधों की पूरी कतार में बहुत आसानी से फैलता है जिससे पौधों की पूरी कतार के पत्ते पीले होकर गिरने लगते हैं और फसल खराब होने लगती हैं वह धीरे-धीरे बढ़ कर बहुत भयंकर रूप ले लेता है जिससे पूरे के पूरे खेत की फसल खराब हो जाती है यह एक वायरस की तरह कार्य कर रहा है वह पौधों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने से भी यह रोग बहुत ही तेजी से फैल रहा है इस बीमारी का नाम एंथरेक्नोज (Anthracnose) है जो फसल की प्रारंभिक अवस्था में काफी ज्यादा देखी गई है

रोकथाम के लिए क्या करें

एंथरेक्नोज (Anthracnose) की रोकथाम के लिए निम्नलिखित उपाय है जिसमें कुछ पप्पू नाशक के छिड़काव से इस पर काफी हद तक काबू किया जा सकता है वह आवश्यकता पड़ने पर दूसरा छिड़काव 7 दिन बाद दो राय

टेब्बूकोनाजोल की 625 मिली लीटर की मात्रा को 500 लीटर पानी में घोल बनाकर के प्रति हेक्टेयर में छिड़काव करें

हेक्साकोनाजोल 5% की 800 मिली की मात्रा को 500 लीटर पानी में घोल बनाकर के प्रति हेक्टेयर में छिड़काव करें

पाईरीक्लोस्ट्रोबीन 20% की 500 ग्राम की मात्रा को 500 लीटर पानी में घोल बनाकर के प्रति हेक्टेयर में छिड़काव करें

टेबूकोनाजोल 10%+सल्फर 65% WG की 1 किलो ग्राम मात्रा को 500 लीटर पानी में घोल बनाकर के प्रति हेक्टेयर में छिड़काव करें

निम्नलिखित में जो भी 1 उपलब्ध हो उसका छिड़काव प्रति हेक्टेयर की दर से अच्छी तरह करें