कैसे प्याज की जैविक खेती ने बदली किसानों की जिंदगी कुछ समय देकर जरूर पढ़ें

कैसे प्याज की जैविक खेती ने बदली किसानों की जिंदगी कुछ समय देकर जरूर पढ़ें


प्याज की खेती भारत में सभी स्थानों पर सफलतापूर्वक की जा सकती है या एक अच्छा लाभ देने वाली पसंद है प्याज का उपयोग हम सभी सलाह सब्जी बाजार और मसाले के रूप में करते हैं वह घर में कोई घरेलू नुस्खा आयुर्वेदिक औषधियों के रूप में भी प्याज का उपयोग किया जाता है ऐसा कहना भी गलत नहीं होगा कि प्याज हमारे जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है सभी स्थानों पर पुरुषों के लिए प्याज वरदान साबित होता है कि बीमारियों में लाभ होता है



भूमि का चयन

आमतौर पर प्याज की खेती सभी तरह की भूमि में की जा सकती है परंतु अच्छी दोमट मिट्टी उपजाऊ भूमि जिसमें सभी प्रकार के जीवाश्म आज प्रचुर मात्रा में हो तथा जल निकाली की उत्तम व्यवस्था और पानी का डरावना हो भूमि को अच्छी तरह जोत कर गोबर की सड़ी हुई खाट अच्छी तरह से जांच लें कि आप पूरी तरह सड़ी हुई हो और फिर भूमि को अच्छी तरह जुताई कर ली है अगर भूमि में गंधक की कमी है तो जिप्सम कि आप डाल सकते हैं

प्याज की उन्नत किस्में

बीजू शीतल, पूसा वाइट, पूसा रेड, पूसा व्हाइट प्लेट, एग्रीफाउंड लाइट रेड

खाद एव उर्वरक

गाय के गोबर के अच्छी साड़ी खाद का उपयोग करना बहुत ही लाभप्रद है अगर आप जैविक खेती करते हैं तो आप पोटाश की कमी को पूरा करने के लिए kmb बैक्टीरिया का भी उपयोग कर सकते हैं kMB का छिड़काव करने से कंद का आकार अच्छा होता है

प्याज की बुवाई

वैसे तो प्याज की फसल आप पूरे साल में कभी भी ले सकते हैं अगर हम बारिश की बात करें तो बारिश से 2 महीने पहले प्याज की नर्सरी तैयार करके इसकी बुवाई करके अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है इसको अच्छी तरह तैयार करके प्याज के बीज को उपचारित कर चुके बोल देता था उसे मिनी सप्रिलर की सहायता से समय-समय पर सिंचाई करते रहे प्याज की नर्सरी 45 से 50 दिन हो जाने पर बुवाई के लिए तैयार कर सकते से अच्छी तरह से निकाल दे सब बीच में से मरोड़ कर तोड़ दें और फंगीसाइड से उपचारित करके 4 इंच की दूरी रखकर बॉय और सिंचाई कर समय-समय पर मिनी स्प्रिंकलर से सिंचाई करें इससे पैदावार में बढ़ोतरी होगी और कहीं बीमारियों का प्रकोप कम होगा और बुवाई से पहले ध्यान रखें कि मिट्टी को रोटावेटर की सहायता से भुर भुरी कर ले

सिंचाई बुआ रोपाई के बाद तीन से चार दिन बाद हल्की सिंचाई करें मिट्टी को नरम बनाए रखें वह हर 10 से 12 दिन में सिंचाई करें फसल पक जाए और पौधों के शीर्ष पीले होकर गिरने लगे तो सिंचाई बंद कर दें खरपतवार का भी ध्यान रखें

प्रमुख बीमारियां

प्याज में मुख्यता ट्रिपस की की बीमारी को देखा गया जिसके लिए आप मिर्ची को उबालकर उसके घोल का छिड़काव कर सकते हैं और स्प्रिंकलर की सहायता से प्याज की सिंचाई करने पर टिप्स काफी हद तक कम होती हैं और kmb(potash mobilize bacteria) का छिड़काव करें जिससे प्याज में पोटाश की मात्रा होने से कंद अच्छा बनता है खेत में जल निकासी का भी ध्यान रखें जिससे करने की समस्या नहीं होगी वह पौधों को फंगीसाइड से उपचारित कर कर अगर आप बोलेंगे तो जड़ों में समस्या आने का संभावना कम होगी

प्याज की कटाई

पत्ते सूख जाने के बाद 1 सप्ताह तक उन्हें कैसे निकालने के बाद हल्की दुखिया छांव में सुकाए सूख जाने के बाद पत्तों को 2 सेंटीमीटर ऊपर से काट ले वह पीछे से जुड़े हुई काटकर प्याज पथ की तरह साफ कर उसके कर्म को फिर 1 सप्ताह तक हल्की धूपिया छांव में सुकाए सभी बातों का अगर आप ध्यान रखें तो प्याज में एक हेक्टेयर से आपको 200 से 300 क्विंटल तक प्याज की उपज मिलेगी आपसे क्षेत्र के अनुसार सही समय पर अच्छे भाव में साथ दे सकते हैं एक अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं की अच्छी मेहनत का फल आपको अच्छा मिलेगा यही उम्मीद हम आपसे करते हैं

समय पर अच्छा भावना मिलने पर आप इसका बीज यार करके भी अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं इसके लिए आप इसके फूलों को पकने दें वह अच्छी तरह सिंचाई करते रहें गर्मी में फूल अच्छी तरह पक जाते हैं वह सूखने के बाद उनको तोड़कर क्रेशर मशीन में उसके बीजों को निकाल सकते हैं इसे भी एक अच्छी कमाई हो सकती